माँ शारदे इतनी कृपा कर दे ,
:- विशाल सर्राफ धमोरा
मेरी लेखनी में थोड़ी ताकत भर दे |
वतन के कुछ काम आ जाऊ,
सोयी अवाम को शब्दों से जगा जाऊ ,
लिए कलम तलवारों से टकरा जाऊ,
मेरे दिल में वो हिमाकत भर दे |
इंसानों में इंसानियत जगा जाऊ ,
जंहा में अमन की लौ जला जाऊ ,
फिज़ाओ में शांति की लहर बहा जाऊ ,
मेरे शब्दों में वो बरकत भर दे |
“विशाल”जो लिखु बेबाक लिख जाऊ,
दिलो के दर्दो में झांक पाऊ,
मन के भावो को भी पढ़ जाऊ ,
मेरी ज्ञानेन्द्रियो में वो नजाकत भर दे ,
माँ शारदे इतनी कृपा कर दे ,
मेरी लेखनी में थोड़ी ताकत भर दे |
:- विशाल सर्राफ धमोरा
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