(1st January 2014 on my 20th Birthday) आज उस देवी के लिए कुछ तुकबन्दीयां बनाने बेठा हूं जिसने 9 माह अपनी कौख में रखकर आज के दिन मुझे जन्म दिया । जिसने हर वक्त अपनी खुशी से पहले मेरी खुशी का खयाल रखा है ।
क्या लिखूं तेरे लिए मां, तेरी तो कथा अनादि है,
ना है तू मेरे शब्दों की मोहताज, ना तू कोई अध्याय है ।
मैं कितना भी बडा क्यों न बन जाऊं चाहे ,
लेकिन मेरे जीवन में तेरा ना कोई पर्याय है ।।
कितना लिखूं तेरे लिए, जितना लिखूं अल्प है,
तेरे प्यार, तेरी ममता का ना मेरे पास कोई विकल्प है ।
कर्ज तेरा ना चुका सकुंगा मैं कभी ,लेकिन
ना आने दूंगा तेरी आंखों में अश्रु, आज ये लिया मैंने संकल्प है ।।
खुदा करे, माँ तेरे इस स्नेह को कभी ना खोऊं मैं ।
तेरे आंचल की छांव से जुदा कभी ना होऊं मैं ।।
तू ही गुरु, तू ही रब है मेरी, जो तूने सिखाये मुझे पाठ महान,
खुदा भी उसके रास्ते नहीं रोकता, जो करता है मातृ-शक्ति का सम्मान ।
ऊंचा-निचा, छोटा-बडा कोई नहीं, हैं सब इंसान,
बुरा कभी किसी का ना करना बेटा, देख रहा है भगवान ।।
आँखें नम हो जाती है मां, जब भी आती है तेरी ये बातें याद,
खुश रहे हमेशा मेरी मां, ए-खुदा कबुल कर मेरी ये फरियाद ।
तूने सब सिखाया मुझे, पर खुद से दूर रहना सिखाना भूल गयी,
बहुत आती है तेरी याद, बस कैसे तुझे बताऊं, ये बताना भूल गयी ।।
तू ही है देवी, तू ही पूजा, तू ही मंत्रो का जाप है मां,
नहीं करने देता कुछ गलत मुझे, हरदम तेरे साथ होने का जो अहसास है मां ।
तू ही लोरी है, तू ही गीत है, तू ही प्यारी सी धाप है मां,
नहीं परवाह तेरे अवधेश को दुनिया की, इतना ही काफी है तुझे जो विश्वास है मां ।।
:- कुँवर अवधेश शेखावत (धमोरा)
ना है तू मेरे शब्दों की मोहताज, ना तू कोई अध्याय है ।
मैं कितना भी बडा क्यों न बन जाऊं चाहे ,
लेकिन मेरे जीवन में तेरा ना कोई पर्याय है ।।
कितना लिखूं तेरे लिए, जितना लिखूं अल्प है,
तेरे प्यार, तेरी ममता का ना मेरे पास कोई विकल्प है ।
कर्ज तेरा ना चुका सकुंगा मैं कभी ,लेकिन
ना आने दूंगा तेरी आंखों में अश्रु, आज ये लिया मैंने संकल्प है ।।
खुदा करे, माँ तेरे इस स्नेह को कभी ना खोऊं मैं ।
तेरे आंचल की छांव से जुदा कभी ना होऊं मैं ।।
तू ही गुरु, तू ही रब है मेरी, जो तूने सिखाये मुझे पाठ महान,
खुदा भी उसके रास्ते नहीं रोकता, जो करता है मातृ-शक्ति का सम्मान ।
ऊंचा-निचा, छोटा-बडा कोई नहीं, हैं सब इंसान,
बुरा कभी किसी का ना करना बेटा, देख रहा है भगवान ।।
आँखें नम हो जाती है मां, जब भी आती है तेरी ये बातें याद,
खुश रहे हमेशा मेरी मां, ए-खुदा कबुल कर मेरी ये फरियाद ।
तूने सब सिखाया मुझे, पर खुद से दूर रहना सिखाना भूल गयी,
बहुत आती है तेरी याद, बस कैसे तुझे बताऊं, ये बताना भूल गयी ।।
तू ही है देवी, तू ही पूजा, तू ही मंत्रो का जाप है मां,
नहीं करने देता कुछ गलत मुझे, हरदम तेरे साथ होने का जो अहसास है मां ।
तू ही लोरी है, तू ही गीत है, तू ही प्यारी सी धाप है मां,
नहीं परवाह तेरे अवधेश को दुनिया की, इतना ही काफी है तुझे जो विश्वास है मां ।।
:- कुँवर अवधेश शेखावत (धमोरा)
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